Shri Narayan Ashtakam with Meaning: श्री नारायण अष्टकम हिंदी अर्थ सहित

By: admin

September 23, 2023

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Shri Narayan Ashtakam (श्री नारायण अष्टकम्): In Hindu beliefs, regularly reciting Shri Narayan Ashtakam is a very powerful way to make God Vishnu happy and receive His blessings.

“श्री नारायण अष्टकम” भगवान श्री विष्णु को समर्पित है और इसे स्वामी श्री कूरेश द्वारा रचा गया है।

स्तोत्र का नाम श्री नारायण अष्टकम
संबंधित श्री हरी विष्णु
भाषा संस्कृत और हिंदी
सूत्र पुराण

श्री नारायण अष्टकम संस्कृत हिंदी अंग्रेजी अर्थ सहित – Narayan Ashtakam with Meaning

वात्सल्यादभयप्रदानसमयादार्तातिनिर्वापणा-
दौदार्यादघशोषणादगणितश्रेयःपदप्रापणात्।
सेव्यः श्रीपतिरेक एव जगतामेतेऽभवन्साक्षिणः
प्रह्लादश्च विभीषणश्च करिराट् पाञ्चाल्यहल्या ध्रुवः॥१॥

हिंदी में अर्थ:

“भगवान् लक्ष्मीपति सभी लोगों के लिए सेवनीय हैं, क्योंकि उनका स्वभाव बहुत ही प्रेमस्वरूप है और वे भयभीतों को डर से मुक्ति देने के लिए जाने जाते हैं। वे दुखी लोगों के दुख को हरने के लिए जाने जाते हैं और उनका हृदय अत्यंत उदार और पाप को नष्ट करने के लिए जाने जाते हैं। उनके पास अनगिनत कल्याणप्रद पद हैं, जिन्हें प्राप्त करने के लिए सभी जगत् के लोगों के लिए भगवान् लक्ष्मीपति ही सबसे उपयुक्त हैं। प्रह्लाद, विभीषण, गजराज, द्रौपदी, अहल्या, और ध्रुव इन सभी गुणों के साक्षी हैं।”

प्रह्लादास्ति यदीश्वरो वद हरिः सर्वत्र मे दर्शय
स्तम्भे चैवमिति ब्रुवन्तमसुरं तत्राविरासीद्धरिः।
वक्षस्तस्य विदारयन्निजनखैर्वात्सल्यमापादय-
नार्तत्राणपरायणः स भगवान्नारायणो मे गतिः॥२॥

हिंदी में अर्थ:

“‘अरे प्रह्लाद! यदि तू कहता है कि भगवान सर्वत्र है, तो मुझे वहाँ खम्भे में दिखा,’ ऐसा कहते ही दैत्य हिरण्यकशिपु ने उसके सामने भगवान नारायण को प्रकट होते देखा। उन्होंने अपने नखों से उसके छाती को विदीर्ण किया और अपना प्यार दिखाया। इस प्रकार के दीनदयालु भगवान नारायण ही मेरी एकमात्र मार्ग हैं।”

श्रीरामात्र विभीषणोऽयमनघो रक्षोभयादागतः
सुग्रीवानय पालयैनमधुना पौलस्त्यमेवागतम्।
इत्युक्त्वाभयमस्य सर्वविदितं यो राघवो दत्तवा
नार्तत्राणपरायणः स भगवान्नारायणो मे गतिः॥३॥

हिंदी में अर्थ:

“‘हे श्रीरामजी! यह निष्पाप विभीषण रावण के भय से यहाँ आया है—जैसा कि सुग्रीव ने कहा! तुम उस पुलस्त्य ऋषि के पौत्र को तुरंत ले आकर उसकी रक्षा करो,’—इसी तरह का अभयदान श्रीरघुनाथजी ने उसको दिया है, और सभी को यह पता है कि वह दीनरक्षक भगवान् नारायण ही मेरा एकमात्र मार्ग हैं।”

नक्रग्रस्तपदं समुद्धतकरं ब्रह्मादयो भो सुराः
पाल्यन्तामिति दीनवाक्यकरिणं देवेष्वशक्तेषु यः।
मा भैषीरिति यस्य नक्रहनने चक्रायुधः श्रीधर।
नार्तत्राणपरायणः स भगवान्नारायणो मे गतिः॥४॥

हिंदी में अर्थ:

“‘ग्राहद्वारा पाँव पकड़ लिए जाने पर, गजेन्द्र ने सूंड़ उठाकर कहा, ‘हे ब्रह्मा और अन्य देवता! कृपया मेरी रक्षा करें।’ उसकी दीनवाणी से भयभीत देवताओं को देखकर, श्रीधर ने कहा, ‘मत डरो,’ और सुदर्शन चक्र उठाया ताकि वह ग्राह को मार सकें। वो दीनरक्षक भगवान् नारायण ही मेरा एकमात्र मार्ग हैं।”

भो कृष्णाच्युत भो कृपालय हरे भो पाण्डवानां सखे
क्वासि क्वासि सुयोधनादपहृतां भो रक्ष मामातुराम्।
इत्युक्तोऽक्षयवस्त्रसंभृततर्नु योऽपालयद्रौपदी
नार्तत्राणपरायणः स भगवान्नारायणो मे गतिः॥५॥

हिंदी में अर्थ:

“‘हे कृष्ण! हे अच्युत! हे कृपालो! हे हरे! हे पाण्डवसखे! तुम कहाँ हो? कहाँ हो? दुर्योधन ने मेरी आतुर द्रौपदी की रक्षा के लिए प्रार्थना की, और उसने अक्षयवस्त्र से उसका शरीर ढक लिया। वह दुखियों को बचाने के लिए भगवान् नारायण मेरी एकमात्र गति हैं॥ ५ ॥”

यत्पादाब्जनखोदकं त्रिजगतां पापौघविध्वंसनं
यन्नामामृतपूरकं च पिबतां संसारसन्तारकम्।
पाषाणोऽपि यदङ्क्षिपद्मरजसा शापान्मुनेर्मोचित।
नार्तत्राणपरायणः स भगवान्नारायणो मे गतिः॥६॥

हिंदी में अर्थ:

“जिनके पैरों के नखों से धोने वाली गंगाजी, जिनका नाम अमृत के समुंदर को पाने वालों को संसार के सागर से पार करने वाला है और जिनके पादपद्मों की रज से पाषाण भी मुनिशाप से मुक्त हो गया, वे दीनरक्षक भगवान् नारायण ही मेरी एकमात्र गति हैं॥६॥”

पित्रा भ्रातरमुत्तमासनगतं चौत्तानपादिभ्रुवो
दृष्ट्वा तत्सममारुरुक्षुरधृतो मात्रावमानं गतः।
यं गत्वा शरणं यदाप तपसा हेमाद्रिसिंहासन
नार्तत्राणपरायणः स भगवान्नारायणो मे गतिः॥७॥

हिंदी में अर्थ:

“जब उत्तानपाद के पुत्र ध्रुव ने अपने भाई को पिता के साथ उत्तम राजसिंहासन पर बैठा देखा, तब वह भी वहीं बैठने का इच्छुक हुआ। परंतु पिता ने उसे अंक में नहीं बिठाया और माता ने भी उसका अनादर किया। तब ध्रुव ने उनकी शरण में जाकर तपस्या द्वारा सुमेरुगिरि के राजसिंहासन को प्राप्त किया, वे ही दीनरक्षक भगवान् नारायण ही मेरी एकमात्र गति हैं॥७॥”

आर्ता विषण्णाः शिथिलाश्च भीता
घोरेषु च व्याधिषु वर्तमानाः।
सङ्कीर्त्य नारायणशब्दमात्रं
विमुक्तदुःखाः सुखिनो भवन्ति॥८॥

हिंदी में अर्थ:

“वो लोग जो परेशान हैं, उदासीन हैं, निराश हैं, भयभीत हैं, या किसी बड़ी समस्या में फंसे हैं, वे ‘नारायण’ के नाम का जाप करके दुख से मुक्त हो जाते हैं और खुश हो जाते हैं॥ ८॥”

इति श्रीकूरेशस्वामिविरचितं श्रीनारायणाष्टकं सम्पूर्णम्।

Shri Narayan Ashtakam Lyrics with English Meaning – श्री नारायण अष्टकम

Vatsalyadabhayapradanasamayadarttartinirvapanad-
Audaryyadaghasosanadaganitasreyah Padaprapanat ।
Sevyah Sripatireka Eva Jagatamete’bhavansaksinah
Prahladasca Vibhisanasca Karirat Pañcalyahalyadhruvah ॥ 1॥

Meaning in English:

“In the acts of showering love, offering protection, alleviating suffering, showing kindness to the oppressed, and being worshiped through countless words by devotees, there is no one more suitable for our service than Narayana, who is the partner of Lakshmi. To confirm this, we have witnesses like Prahlad, Vibheeshana, the king of elephants, Draupadi, Ahalya, and Dhruva.”

Prahladasti Yadisvaro Vada Harih Sarvatra Me Darsaya
Stambhe Caivamiti Bruvantamasuram Tatravirasiddharih ।
Vaksastasya Vidarayannijanakhairvatsalyamapadayan-
Narttatranaparayanah Sa Bhagavannarayano Me Gatih ॥ 2॥

Meaning in English:

“When the wise sage Prahlad was asked, ‘Is it true that Hari is everywhere?’ and he replied to that demon, ‘He is in the pillar,’ oh Hari, were you not there? You split open his chest with your nails and showed your affection to Prahlad. So, my only aim is to worship God Narayana, who is an expert in relieving the pain of the suffering ones.”

Sriramo’tra Vibhisano’yamanagho Raksobhayadagatah
Sugrivanaya Palayainamadhuna Paulastyamevagatam ।
Ityuktva’bhayamasya Sarvaviditam Yo Raghavo Dattavan-
Arttatranaparayanah Sa Bhagavannarayano Me Gatih ॥ 3॥

Meaning in English:

“When Sugreeva told Lord Rama that ‘The faultless Sugreeva has come here scared and he should be protected,’ did you not say, ‘Even if it is Ravana, bring him here’? And did not Lord Rama provide him protection, knowing everything about him? So, my only aim is to worship God Narayana, who is an expert in relieving the pain of the suffering ones.”

Nakragrastapadam Samuddhrtakaram Brahmadayo Bhoh Sura
Raksantamiti Dinavakyakarinam Devesvasaktesu Yah ।
Ma Bhaisiriti Tasya Nakrahanane Cakrayudhah Sridharo-
Hyarttatranaparayanah Sa Bhagavannarayano Me Gatih ॥ 4॥

Meaning in English:

“When the elephant got his legs caught by the crocodile and he raised his hands, weakly appealing, ‘Oh Brahma and other Devas, please protect me,’ and when the Devas couldn’t help, did you not, O Sridhara, say, ‘Leave out your fear’? Did you not kill the crocodile with your divine wheel? So, my only aim is to worship God Narayana, who is an expert in relieving the pain of the suffering ones.”

Bhoh Krsnacyutah Bhoh Krpalaya Hare Bhoh Panḍavanam Sakhe
Kvasi Kvasi Suyodhanadhyapahrtam Bho Raksa Mamaturam ।
Ityuktto’ksayavastrasambhrtatanuryo’palayaddraupadim-
Arttatranaparayanah Sa Bhagavannarayano Me Gatih ॥ 5॥

Meaning in English:

“When Draupadi cried out, ‘Hey Krishna, Hey symbol of mercy, Hey friend of the Pandavas, where are you? Please protect me from the trouble caused by Duryodhana,’ did you not save her by giving her unending cloth? So, my only goal is to worship God Narayana, who is skilled at relieving the suffering of others.”

Yatpadabjanakhodakam Trijagatam Papaughavidhvamsanam
Yannamamrtapurakam Ca Pibatam Samsarasantarakam ।
Pasano’pi Yadanighrapankarajasa Sapanmunermocito
Hyarttatranaparayanah Sa Bhagavannarayano Me Gatih ॥ 6॥

Meaning in English:

“The water washing the nails of His lotus-like feet removes all sins. Drinking the nectar-like name of His can take away the sorrows of the cycle of birth and death. Even the dust from His lotus feet saved a woman turned to stone by Gauthama’s curse. So, my only aim is to worship God Narayana, who is skilled at relieving the suffering of others.”

Pitra Bhrataramuttamasanagatam Hyauttanapadirdhruvo
Drstva Tatsamamaruruksuradhikam Matra’vamanam Gatah ।
Yam Gatva Saranam Yadapa Tapasa Hemadrisimhasanam
Hyarttatranaparayanah Sa Bhagavannarayano Me Gatih ॥ 7॥

Meaning in English:

“When Druva saw his younger brother sitting on the throne with their father and wanted the same treatment, but was ignored by his father and insulted by his mother, he went into deep meditation and surrendered to God. Didn’t he then receive a seat on the snowy Meru Mountain’s throne? So, my only goal is to worship God Narayana, who can relieve the suffering of those in pain.”

Artta Visannah Sithilasca Bhita Ghoresu Ca Vyadhisu Vartamanah ।
Samkirtya Narayanasabdamatram Vimuktaduhkhah Sukhino Bhavanti ॥ 8॥

Meaning in English:

“People who are suffering, feeling sad, scared, or dealing with serious illnesses can find relief from all their sorrows simply by chanting the word ‘Narayana’.”

Iti Srikuresasvamiviracitam Narayan astakam Sampurnam ।