आलू सिंह जी महाराज (Aloo Singh Ji Maharaj) की कहानी

By: admin

July 9, 2023

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आलू सिंह जी महाराज(Aloo Singh Ji Maharaj) का जन्म 1916 में खाटू श्याम नगरी, राजस्थान, सीकर जिले में हुआ। उनका पिता का नाम किशन सिंह जी था और वे खुद श्याम बाबा के भक्त थे। आलू सिंह जी महाराज(Aloo Singh Ji Maharaj) ने बचपन से ही श्याम बाबा की पूजा, ध्यान और भक्ति में रुचि रखी।

जब आलू सिंह जी महाराज(Aloo Singh Ji Maharaj) युवा हुए तो उन्होंने सवाई माधोपुर के एक राजावत परिवार की कन्या से विवाह किया। उनके विवाह से एक पुत्र हुआ जिसका नाम पाबूदान रखा गया।

कुछ सालों बाद, आलू सिंह जी महाराज(Aloo Singh Ji Maharaj) की पत्नी का निधन हो गया। उसके बाद से, आलू सिंह जी महाराज(Aloo Singh Ji Maharaj) ने अपना समय और जीवन पूरी तरह से बाबा श्याम की भक्ति और वंदना में समर्पित कर दिया।

आलू सिंह जी महाराज(Aloo Singh Ji Maharaj) की पूरी दिनचर्या बाबा श्याम को ही समर्पित थी। वे अलग-अलग प्रकार के सुंदर फूल दूर-दूर से लाते थे और उन्हें चढ़ाते, उनकी देखभाल करते थे। दिन भर वे बाबा श्याम के नामों का जाप करते, घंटों भजन गाते और बाबा का स्मरण करते थे। यही उनका रोज़मर्रा का नियम था।

देश-दुनिया और समाज की बातें उनसे अनजान थीं और वे बंधनों से मुक्त थे। लोग उन्हें मानसिक रोगी समझते थे और उनकी गहरी श्रद्धा और भक्ति को आम लोगों की समझ नहीं थी। लेकिन लोगों को यह नहीं पता था कि जिस व्यक्ति को वे असामान्य समझ रहे थे, वही व्यक्ति एक दिन उन्हीं की प्रशंसा करेगा।

आलू सिंह जी महाराज(Aloo Singh Ji Maharaj): श्याम बाबा की दीवानगी को लोगो ने दिया पागलपन का नाम

आलू सिंह जी महाराज(Aloo Singh Ji Maharaj) एक साधारण व्यक्ति नहीं थे। वे घंटों तक बाबा के भजन गाते, बाबा में लीन हो जाते थे और खुद ही बातें करते रहते थे। वे दिन भर पैदल ही चल कर दूसरे शहरों से फूल लाते और बाबा श्याम का श्रंगार करते थे। उनका जीवन सिर्फ श्याम की सेवा में लगा हुआ था और उनके लिए दुनिया और परिवार से कोई मतलब नहीं रखते थे। पर अब दुनिया को समझ में आ गया कि यह उनका पागलपन नहीं बल्की श्याम के प्रेम की दीवानगी थी।

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आलू सिंह जी महाराज(Aloo Singh Ji Maharaj): 7 साल से गायब बेटा कीर्तन में मिला

आलू सिंह जी महाराज(Aloo Singh Ji Maharaj) का जन्म 1916 में खाटू में हुआ था। वे बाबा श्याम के परम भक्त थे। यह कहानी 1972 की है। उस समय रामनिवास, सरदारशहर से असम के डिबरूगढ़ के एक कीर्तन में आलू सिंह शामिल हुए। कीर्तन में उनके साथ खड़े थे मालीराम शर्मा, जो खाटू में रहते थे।

तभी वहां एक महिला रोने लगी। सब ने पूछा कारण तो पता चला कि उसका बेटा 7 साल से गायब है। पुलिस को रिपोर्ट लिखाने के बावजूद कुछ नहीं हुआ। तभी आलू सिंह जी महाराज(Aloo Singh Ji Maharaj) बोले, “रात 1 बजे तेरा बेटा कीर्तन में आ जाएगा।” लोगों ने उन्हें खरी खोटी समझा क्योंकि उन्होंने बिना सोचे-समझे महिला को बताया कि उसका बेटा मिल जाएगा। आलू सिंह जी महाराज(Aloo Singh Ji Maharaj) ने कहा, “मुझे नहीं पता कि मैंने ऐसा क्यों कहा, इसमें बाबा की मर्ज़ी होगी।”

रात कीर्तन शुरू होने से पहले ही लोग पहुंच गए। आलू सिंह जी महाराज(Aloo Singh Ji Maharaj) ने उठकर एक युवक के हाथ पकड़कर महिला के पास ले गए। युवक की दाढ़ी बढ़ी हुई थी। आलू सिंह जी महाराज(Aloo Singh Ji Maharaj) ने कहा, “यह ले तेरा बेटा, जितना दुलार करना है कर लें।” इसके बाद गायब युवक मिलने की बात पर पुलिस भी पहुंच गई। एक बड़े अधिकारी भी वहां थे, जो आज भी बाबा श्याम के दर्शन के लिए आते हैं।

आलू सिंह जी महाराज(Aloo Singh Ji Maharaj): बैसाखी छूटी और 12 साल के बच्चे के ठीक हो गए पैर

1987 की बात है। महाराष्ट्र के नासिक में 7वीं कक्षा में पढ़ने वाला 12 साल का पंकज परसराम पुरिया दिव्यांग था। वह बैसाखी के सहारे चलता था। उसके दादी और पिता ने कई डॉक्टरों के पास जाकर उपचार कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने अपने मन में विश्वास करते हुए खाटूश्यामजी (Khatu Shyam Ji) मंदिर पहुंचा। वहां उन्होंने आलू सिंह महाराज से मिली। आलू सिंह जी महाराज(Aloo Singh Ji Maharaj) ने उनसे कहा, “बाबा का भंडारा लो।” पंकज ने प्रसाद लेकर बैठ गया। फिर आलू सिंह जी महाराज(Aloo Singh Ji Maharaj) ने पंकज को अपनी ओर बुलाया।

पंकज आने लगा तो आलू सिंह जी महाराज(Aloo Singh Ji Maharaj) ने कहा, “बैसाखी को छोड़कर यहां आओ।” पंकज नहीं आया। आलू सिंह जी महाराज(Aloo Singh Ji Maharaj) ने चार बार आवाज लगाई, तो पंकज घबराते हुए बैसाखी छोड़कर धीरे-धीरे चलने लगा। आलू सिंह जी महाराज(Aloo Singh Ji Maharaj) ने उसका हाथ पकड़कर उसे बाबा श्याम के पास ले गए। इसके बाद पंकज के पिता ने उसके पैरों की जांच बॉम्बे अस्पताल में कराई। वहां डॉक्टर झुनझुनवाला भी हैरान हो गए और कहा कि यह चमत्कार है।

इसके बाद से पंकज और उसका परिवार खाटू मंदिर में बाबा के दर्शन करने आते हैं। 73 साल की उम्र में आलू सिंह जी महाराज(Aloo Singh Ji Maharaj) की मृत्यु हो गई। बाबा श्याम के चमत्कारों को देश और दुनिया भर में लाखों भक्त मानते हैं। मेलों में ये भक्त अपनी आस्था को विभिन्न तरीकों से प्रगट करते हैं। कोई पैदल यात्रा करके श्याम दरबार में आता है, तो कोई भूखा-प्यासा रहकर धोक लगाता है और कोई दूसरों को भोजन करवाकर जल सेवा करता है।

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