2025 में खाटू श्याम लक्खी मेला (Khatushyam Lakhi Mela 2025) 28 फरवरी से, इस बार 12 दिन लगेगा
By: admin
January 17, 2025
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Khatu shyam mela 2025 (खाटू श्याम जी मेला 2025): बाबा श्याम के दरबार में भीड़ बढ़ती ही जा रही है। दर्शालुओं को ध्यान में रखते हुए मंदिर कमिटी ने मेला अवधि को बढ़ा दिया है। प्रशासन इस बार अवधि को बढ़ाकर 12 दिवसीय मेला कर दिया है। खाटू श्याम मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर है कि आराम से दर्शन हो सकेंगे। पहले से भीड़ ज्यादा होने और रास्ता सुगम होने से भी लोगों को सहूलियत मिली है। बाबा के भक्त अब आराम से दर्शन करने लगे हैं। खाटू श्याम मंदिर में जाने वाली भक्त खुद को संयमित रखने चाहिए। इत्र की सीसी को फेंकना गलत है। कई बार पुजारी के पैरों में कांच के टुकड़े चुभने से खून तक आ जाते हैं। बाबा श्याम के दर्शन अब सभी को बहुत अच्छे से होने लगे हैं।
Khatu shyam mela 2025: बाबा श्याम के भक्त खाटू के चारण मैदान में रख रखेंगे निशान दांतारामगढ़ एसडीएम मोनिका सामोर ने कहा कि खाटूश्याम जी मेला 2025 में आने वाले श्याम भक्तों से निशान रखवाने की व्यवस्था खाटू के चारण मैदान में की जाए। सामोर ने विद्युत निगम के एईएन अश्वनी कुमार मीणा से कहा कि खाटू मेला 2025 में बिजली ट्रिपिंग की समस्या से निजात पाने के लिए कई जगहों पर स्थायी ट्रांसफार्मर रखने, बिजली लाइन भूमिगत करने और तारों को ऊंचा करने का कार्य समय रहते पूर्ण कर लिया जाए।
Khatu Shyam Mela 2025 12 दिवसीय मेला 28 फरवरी से
बाबा श्याम का लक्खी मेला अब 28 फरवरी से शुरू होकर 11 मार्च तक चलेगा। पिछले साल तक मेला 11 दिवस तक चलता था। प्रशासन की मंदिर कमेटी के साथ मीटिंग के बाद यह फैसला लिया गया। मेले में श्रद्धालुओं का आंकड़ा अब रोजाना का 20 लाख से 60 लाख तक पहुँचने की उम्मीद है। देश के हर एक कोने से बाबा श्याम के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु आ रहे हैं। बाबा श्याम के दरबार में मत्था हर कोई टेकना चाहता है। इंडिया में कोई भी इससे दूर नहीं है। हवाई यात्रा से जयपुर आकर भी आप दर्शन करने आ सकते हैं।
Khatu Shyam ji Parking: खाटूश्यामजी मेला 2025 में पार्किंग कहां पर होगी?
खाटू श्याम जी मेला 2025 में वाहन लेकर आने वाले बाबा श्याम के भक्तों को परेशानी ना हो इसके लिए रींगस रोड पर 52 बीघा में वाहन पार्किंग की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा सांवलपुरा रोड पर चारागाह भूमि और PWD रोड पर भी वाहन पार्किंग की सुविधा रहेगी।
(Khatushyam ji Story in Hindi) खाटूश्याजी का मेला प्रसिद्ध क्यों है?
खाटूश्यामजी का फाल्गुन लक्खी मेला राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटूश्यामजी के प्रसिद्ध मंदिर में आयोजित होने वाला एक ऐतिहासिक और भव्य धार्मिक आयोजन है। इसका इतिहास प्राचीन और धार्मिक परंपराओं से गहराई से जुड़ा हुआ है।
खाटूश्यामजी फाल्गुन लक्खी मेले की विशेषताएं भक्तों की विशाल संख्या:
इसे लक्खी मेला कहा जाता है क्योंकि इसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं। भक्त देशभर से यहां दर्शन करने और भगवान श्याम का आशीर्वाद लेने आते हैं। पैदल यात्रा: मेले में पैदल यात्रा का विशेष महत्व है। भक्त कई किलोमीटर दूर से पैदल चलकर खाटूश्यामजी के दर्शन के लिए आते हैं। धार्मिक गतिविधियां: मेले में विशेष पूजा, भजन-कीर्तन, जागरण, और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
भक्त खाटूश्यामजी के जाल और सिंदूर का विशेष महत्व मानते हैं। प्रसाद और सेवा: मेले के दौरान बड़े पैमाने पर लंगर और सेवा शिविर लगाए जाते हैं, जहां भक्तों को भोजन, पानी, और ठहरने की सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। महत्व और परंपरा: खाटूश्यामजी का मेला न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यह त्याग, भक्ति, और समर्पण का प्रतीक है। मेले का वातावरण भक्ति से भरपूर होता है और यह भक्तों को भगवान श्याम के प्रति श्रद्धा से जोड़ता है।