Khatu Shyam Ji Birthday Date 2023 – खाटू श्याम जी जन्मोत्सव 2023
By: admin
October 29, 2023
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Khatu Shyam Ji Birthday Date 2023: श्री खाटूश्याम जन्मोत्सव(Khatu Shyam Janamdin 2023) – श्री खाटूश्याम जी का जन्मोत्सव हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की देव उठनी एकादशी को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। 2023 में यह 23 नवम्बर दिन गुरुवार के दिन है।
श्री श्याम बाबा का स्नान श्री श्याम मंदिर कमेटी के द्वारा बाबा श्याम को रूह के इत्र से स्नान करवाकर गुलाब, चंपा, चमेली सहित अनेक प्रकार के फूलों से सजाया जाता है। मावे का केक भक्त बाबाश्याम को चढ़ाते हैं। रंग-बिरंगे गुबारों से मंदिर को सजाया जाता है और बाबा का जन्मदिन बड़े हर्ष और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
खाटूनगरी में बाबाश्याम के जन्मदिवस को लेकर भक्तों में बहुत उमंग है। मार्केट में मावे मिश्री के केक तैयार हैं। श्यामभक्त बाबा को रिझाने के लिए तरह-तरह के केक चोकलेट उन्हें अर्पित करते हैं।
Khatu Shyam Birthday Date 2023: खाटूश्याम का जन्मदिन क्यों मनाया जाता है?
बाबा श्याम का जन्म कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की 11वीं तिथि को हुआ था, इसलिए यह दिन सभी श्याम भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। इसलिए सभी श्याम भक्त इस दिन को खाटू श्याम जी का जन्मदिन मानते हैं।
श्याम बाबा का जन्म दिन कब मनाया जाता है ?
हरे का सहारा, भगवान श्री कृष्ण का कलयुगी अवतार, लखदातार, शीश का दानी बाबा श्याम का जन्मोत्सव हर वर्ष कार्तिक शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी को मनाया जाता है।
Khatu Shyam Birthday Date 2023: श्याम बाबा का जन्मदिन 2023 कब है?
Khatu Shyam Birthday Date 2023: हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी को श्याम बाबा का जन्म दिन बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है.
अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार लगभग हर साल तारीख बदलती रहती है। इस वर्ष 2023 में बाबा श्याम का जन्मोत्सव 23 नवंबर दिन गुरुवार को मनाया जाएगा।
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खाटू श्याम जी का जन्मदिन कैसे मनाया जाता है?
बाबा श्याम के जन्मदिन को श्याम जन्मोत्सव, श्याम महोत्सव, कार्तिक महोत्सव और बाबा श्याम के जन्मोत्सव के नाम से जाना जाता है।
इस दिन मंदिर को फूलों से सजाया जाता है। इसके बाद बाबा श्याम को इत्र से नहलाया जाता है।
देश भर से बाबा के भक्त हाथों में रंगीन निशान लेकर बाबा के मंदिर में आते हैं और श्याम बाबा की जय, खाटू नरेश की जय, शीश के दानी की जय आदि के जयकारे लगाते हैं।
ये लोग बाबा के दरबार में मावा केक चढ़ाते हैं और बाबा को हैप्पी बर्थडे कहते हैं और केक भी काटते हैं.
साथ ही होटलों व धर्मशालाओं में श्याम जन्मोत्सव के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं और खूब केक भी काटे जाते हैं.
इस अवसर पर बाजार की अधिकांश प्रसाद दुकानों पर तरह-तरह के केक मिलते हैं।
खाटू श्याम जी के जन्मदिन पर क्या करें?
खाटू श्याम जी(Khatu Shyam Ji) के जन्मदिवस पर बाबा का विधि विधान से पूजन कर उन्हें उनका प्रिय भोग लगवाएं। बाबा के प्रिय भोग में गाय का कच्चा दूध, खीर चूरमा और मावा पेड़ा प्रमुख हैं।
श्री श्याम जन्मोत्सव में भक्त
श्याम जन्मोत्सव में भक्तों की बहुत बड़ी संख्या श्यामभक्त श्यामबाबा के दरबार में आकर अपनी उपस्थिति साबित करती है। हज़ारों श्रद्धालु खाटू में आते हैं अपनी इच्छाओं का जन्मदिन मनाने और दो दिवसीय मेलों में शामिल होने के लिए।
श्री श्याम बाबा के जन्मदिन को अपनाने के लिए देशभर से श्यामभक्त खाटूधाम में आते हैं जब देवउठनी एकादशी का त्योहार होता है, जो 23 नवम्बर को गुरुवार को पड़ता है। इस दिन का इंतजार श्यामभक्त दिनों से करते हैं और उम्मीद से बहुत बेसब्री से इंतजार करते हैं।
श्याम के दरबार में फाल्गुन मेले के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा मेला होता है। जन्मोत्सव के दौरान भक्त अलग-अलग प्रकार के केक लेकर आकर बाबा श्याम को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हैं।
कुछ भक्त पैदल चलकर आते हैं और कुछ दूर रहने वाले लोग अपने पेट पलायन करके बाबा के दरबार में शीश झुकाते हैं। वहाँ ऐसे भी श्रद्धालु आते हैं जिनकी गोद सूनी होती है। वे बाबा से बांसुरी, खिलौने और मोरछड़ी मांगकर उन्हें गोद में भरने की मन्नत मांगते हैं। कुछ लोग नारियल बांधकर अपने परिवार की सुख समृद्धि की कामना करते हैं।
श्री खाटूश्याम जन्मोत्सव पर मन्दिर की सजावाट
खाटूश्याम मंदिर को सजाने के लिए श्री श्याम मंदिर कमेटी वृंदावन से बांके बिहारी मंदिर में होने वाले फूलों और विशेष कारीगरों को बुलाती है। वृंदावन से आए बांके बिहारी डेकोरेटर्स मंदिर को सजाने के लिए गेंदा, गुलाब, कूंद, बेला, लीली, गुलदावरी और इंग्लिश फूलों के साथ-साथ जरवरा, एंथेनियम, कारनेशम के फूल भी लाते हैं।
इसके साथ ही, श्याम जन्मोत्सव पर बाबा श्याम मंदिर के सिंह द्वार पर लड्डू गोपाल और मुरलीधर कन्हैया की झांकी भी सजाई जाती है। श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने से पहले इनकी दर्शन कराए जाते हैं।
मुख्य कारीगर ने तीस कुशल बंगाली कारीगरों की मदद से पूरे मंदिर को बांस की खपच्ची पर सुनहरी कपड़ा लगाया है। उस पर बांसुरी, माखन से भरी कुल्लड़ी का खिलौना, पाइपनुमा फोम पर रंगबिरंगे कपड़े और कई प्रकार की आकृतियों से उसे सजाया गया है।
श्री खाटूश्याम जन्मोत्सव पर धर्मशालायें व होटल-
खाटूश्याम की धर्मशालायें व होटल-देश विदेश से आये लाखो श्याम भक्तों से दशमी की शाम को ही धर्मशालायें और होटलें फुल हो जाती है। वैसे तो खाटूधाम में कई धर्मशालाएं और होटल हैं, लेकिन फिर भी इन उत्सव के दिनों में वे सब पूरी तरह भर जाते हैं।
सभी धर्मशालाएं और होटल लगभग दो महीने पहले ही बुक हो जाते हैं। प्रमुख धर्मशालाओं में श्री श्याम मित्र मण्डल कोलकाता, पंचायती विश्राम गृह, न्यू हैदराबाद धर्मशाला, श्रीधाम धर्मशाला, होटल श्याम, होटल कविता, होटल श्याम सरकार, कान्हा गेस्ट हाउस और श्री श्याम साक्षी गेस्ट हाउस शामिल हैं।
खाटूश्याम जन्मोत्सव पर प्रसिद्ध गायक एवं कलाकार
प्रसिद्ध गायक और कलाकार श्याम कीर्तन एकादशी की रात्रि को श्री श्याम मंदिर के प्रांगण और अनेक धर्मशालाओं में आनेवाले श्रद्धालु श्याम बाबा के जन्मदिन को यादगार बनाते हैं। इन धर्मशालाओं में रातभर भजन कीर्तन का आयोजन होता है।
इसमें लखबीर सिंह लक्खा, नंदूजी महाराज, उमा लहरी, मुकेश बागड़ा, अमानत अली जैसे कई प्रसिद्ध गायक बाबा श्याम के सुमधुर भजनों को सुनाते हैं।
इन अद्भुत आवाज़ों से भरी श्याम कीर्तन की प्रस्तुतियाँ श्रद्धालुओं के दिलों को छू जाती हैं और उन्हें अद्वितीय आनंद और भक्ति का अनुभव होता है।
देवउठनी एकादशी को ही क्यों मनाया जाता है खाटूश्याम जी का जन्मोत्सव –
Khatu Shyam Birthday Date 2023: बर्बरीक (खाटू श्याम) के महान बलिदान से श्री कृष्ण अत्यंत प्रसन्न हुए और उन्होंने बर्बरीक को वरदान दिया कि कलियुग में तुम श्याम नाम से प्रसिद्ध हो जाओगे। वरदान देने के बाद उनका शीश खाटू नगर (वर्तमान राजस्थान राज्य के सीकर जिले) में दफनाया गया। इसलिए उन्हें खाटू श्याम बाबा कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि एक गाय उस स्थान पर प्रतिदिन अपने स्तनों से दूध की धारा स्वयं ही बहा रही थी। बाद में जब उस स्थान की खुदाई हुई तो वहां पर शीश प्रकट हुआ, जिसे कुछ दिनों के लिए एक ब्राह्मण को सौंप दिया गया।
एक बार खाटू नगर के राजा को स्वप्न में मंदिर निर्माण के लिए और वह शीश मंदिर में सुशोभित करने के लिए प्रेरित किया गया। इसलिए उस स्थान पर मंदिर का निर्माण किया गया और कार्तिक माह की एकादशी को शीश मंदिर में सुशोभित किया गया। इसीलिए हमेशा देवउठनी एकादशी को ही श्री खाटू श्याम जी का जन्मदिन मनाया जाता है। इस कथा ने हमारे दिलों को छू लिया है और हमें भावुक कर दिया है क्योंकि बाबा श्याम का अद्वितीय समर्पण और प्रेम हमें प्रेरित करता है।
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