Khatu Shyam Mela 2024 | लखी खाटू श्याम जी का मेला तारीख 2024

By: admin

February 23, 2024

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Khatu Shyam Mela 2024 | लखी खाटू श्याम जी का मेला तारीख 2024

2024 के खाटू श्याम मेले में फाल्गुन मास में बाबा खाटूश्याम जी का प्रमुख मेला है। यह मेला षष्ठी से बारस तक 8 दिनों के लिए होता है, जो तिथि के आधार पर आयोजित किया जाता है। मेले का मुख्य दिन फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की ग्यारस होती है। लोग देश-विदेश से आते हैं और बाबा खाटूश्याम जी का आदर्श दर्शन करते हैं। उनके दर्शन के बाद, भजन और कीर्तन का आनंद भी लेते हैं। भजन संध्या में विभिन्न कलाकार रात भर भजन और कीर्तन करते हैं।

फाल्गुन मास में लाखों भक्तगण दर्शन के लिए आते हैं। इस बड़ी संख्या को देखते हुए प्रशासन उचित व्यवस्था करता है ताकि कोई अव्यवस्था न हो। खाटूनगरी में धर्मशालाएं, पार्किंग, और होटलों की व्यवस्था है। कुछ होटल बाबा के नाम से जाने जाते हैं, जैसे राधेश्याम होटल, मोर्वी होटल, लखदाता होटल, आदि।

निशान यात्रा- हर देश से श्रद्धालु खाटूनगरी में बाबा के दर्शन के लिए आते हैं। कुछ श्रद्धालु ऐसे हैं जो पदयात्रा करते हुए बाबा के धाम जाते हैं। यात्रा के दौरान उन्हें बाबा के ध्वज और नारियल के साथ-साथ बाबा जी की झांकी भी दिखाई जाती है। झांकी के साथ हर्षोल्लास और बैंड बाजे के साथ निकाली जाती है। कुछ लोग दण्डवत परिक्रमा करते हुए बाबा के मंदिर जाते हैं। इस शोभायात्रा के दौरान भक्तों को अतिशबाजी के साथ-साथ जगह-जगह प्रसाद भी मिलता है।

खाटूश्यामजी मंदिर के शिखर पर सूरजगढ़ का निशान ही क्यों चढ़ता है ?

सूरजगढ़ निशान (Surajgarh Nishan) को शिखर बंद पर चढ़ाये जाने के पीछे एक अमर गाथा जुड़ी है। आज से कुछ वर्षों पहले फाल्गुन शुक्ला द्वादशी को खाटू धाम में कई स्थानों से आये भक्तों में सबसे पहले शिखर बंद पर निशान चढ़ाने की होड़ मच गई थी। जबकि सूरजगढ़ का निशान पुराने समय से चढ़ता आ रहा था। लेकिन उसके बावजूद दूर-दूर से आये सभी भक्तगण अपनी-अपनी जिद्द पर अड़े रहे।

Khatu Shyam Ji Falgun Mela Dates 2024

तृतीया: मंगलवार 12 मार्च 2024

चतुर्थी: बुधवार 13 मार्च 2024

पंचमी: गुरूवार 14 मार्च 2024

सष्ठी: शुक्रवार 15 मार्च 2024

सप्तमी: शनिवार 16 मार्च 2024

अष्टमी: रविवार 17 मार्च 2024

नवमी: सोमवार 18 मार्च 2024

दशमी: मंगलवार 19 मार्च 2024

ग्यारस: बुधवार 20 मार्च 2024

बारस: गुरूवार 21 मार्च 2024

 

खाटू श्यामजी मेले की कहानी

खाटू श्यामजी मेले की कहानी महाभारत के समय से भारतीय इतिहास में लिप्त है। महाभारत के युद्ध से पहले, भीम का पौत्र, बर्बरीक, भगवान कृष्ण और पांडवों के पास गया और उसने उन्हें युद्ध में सहायक बनने के लिए प्रस्ताव दिया। बर्बरीक बहुत बहादुर और महान योद्धा था। भगवान शिव और अग्नि ने उसे तीन अद्भुत बाणों का आशीर्वाद दिया। उन्हें धनुष भी प्राप्त हुआ, जिससे वह तीनों लोकों में विजयी हो सकेगा। भगवान कृष्ण ने समझा कि यह अनुचित हो सकता है, क्योंकि युद्ध न्याय के बिना समाप्त हो सकता है। बर्बरीक बहुत शक्तिशाली था और उसकी उपस्थिति में युद्ध जल्दबाजी में समाप्त हो सकता था।

बर्बरीक हारने वाले छोर ने युद्ध में भाग लेने का सोचा। उसने खुद को धनुष और तीन तीरों से लदा और अपने घोड़े के पास चला गया। तब स्वामी कृष्ण ने एक योग्यता प्राप्त करने के लिए एक चाल चली। उन्होंने उसकी शक्ति को परखने के लिए एक ब्राह्मण का रूप धारण किया और तीन तीरों के साथ युद्ध मैदान में जाने का तंज किया।

बर्बरीक ने तब ब्राह्मण को समझाया कि युद्ध में सभी दुश्मनों को नष्ट करने के लिए केवल एक तीर ही काफी था। अगर वह तीन तीरों का उपयोग करता, तो यह तीनों लोकों में अराजकता पैदा करता। भगवान कृष्ण ने उसे चुनौती दी कि वह पीपल के पेड़ के सभी पत्तों को एक तीर से बाँध दे जिसके नीचे वह खड़ा था। बर्बरीक ने अपने तरकश से एक तीर निकाला और उसे अपने धनुष से मुक्त कर दिया।

तीर ने सभी पत्तियों को एक साथ बाँध दिया, लेकिन भगवान कृष्ण के पैर के नीचे एक पत्ती थी। तीर फिर उसके पैर के चारों ओर घूमने लगा और उसने बर्बरीक से पूछा कि वह युद्ध में किसका पक्ष लेगा। बर्बरीक ने निश्चय किया कि वह उस पक्ष के लिए लड़ेगा, जो हार जाता है। भगवान कृष्ण ने कौरवों की हार का पूर्वाभास किया, उन्होंने सोचा कि अगर यह बहादुर लड़का उनसे जुड़ता है, तो परिणाम उनके पक्ष में होगा।

Khatu Shyam Mela 2024 | लखी खाटू श्याम जी का मेला तारीख 2024

ब्राह्मण (भगवान कृष्ण) ने बालक से दान मांगा। बर्बरीक ने उसे अपनी इच्छा के अनुसार कुछ भी देने का वादा किया, और फिर ब्राह्मण ने सबसे बहादुर क्षत्रिय के सिर की बलि देकर रणभूमि की पूजा करने के लिए दान में उसका सिर मांगा। बर्बरीक ने तत्परता से उसकी बात मानी और उसका सिर काट दिया। भगवान कृष्ण बलिदान के साथ आसक्त थे और उन्हें दो वरदान दिए गए, अर्थात्, पहला वरदान यह था कि वह छोटी पहाड़ी से युद्ध देखेंगा, जिस पर कृष्ण उसका सिर रखा था और दूसरा यह था कि कलयुग में उन्हें ‘श्याम’ के रूप में पूजा जाएगा।

बर्बरीक के सिर को खाटू में दफनाया गया था। कई लंबे समय के बाद सिर पृथ्वी में पाया गया था जब जगह खोदी की गई थी। एक ब्राह्मण ने कई दिनों तक सिर की पूजा की और फिर खाटू के राजा ने एक मंदिर बनवाया और कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष के 11 वें दिन “शीश” स्थापित किया।

बाबाश्याम के मेले का ये है पदयात्रा मार्ग

मेले के दौरान श्याम मंदिर तक आने के लिये प्रशासन ने रींगस रोड से सरकारी पार्किंग से बिजली ग्रिड, खटीकान मोहल्ला, केहरपुरा तिराहे से लामिया तिराहे से रावण टीबे के पास की चारागाह भूमि पर बने जिगजैग में से होकर कुमावतों के खेत में से होकर श्री श्याम बगीची के पास स्थित मुख्य मैला मैदान में बने जिगजैग से होकर श्री श्याम मंदिर में प्रवेश करना होगा।

इन मार्गों से सकते हैं खाटूधाम

बाबा श्याम के दर्शन को खाटूधाम आने के सड़क, रेल और वायु मार्ग है। जयपुर के सांगानेर एयरपोर्ट से देश सहित विदेशों की उड़ाने हैं। जहां से 100 किमी दूरी से टेक्सी के जरिए आया जा सकता है।

वहीं जयपुर, रींगस और सीकर रेल मार्ग से जुड़े हुए हैं। मेले में रेल प्रशासन की ओर से अतिरिक्त रेल चलाई जाती हैं। दिल्ली से सड़क मार्ग से गुडग़ाव, कोटपूतली, नीमकाथाना, श्रीमाधोपुर से रींगस होते हुए बस व कार से खाटू आया जा सकता है।

इसके अलावा सीकर, दांतारामगढ, रेनवाल से भी सड़क मार्ग से खाटू सीधा पहुंचा जा सकता है।

Also, Read How To Reach Khatu Shyam Ji Temple

Khatushyamji Falgun Lakhi Mela को लेकर तैयारी

दर्शनार्थियों के लिए खास व्यवस्था होगी – खाटू श्याम मेले में देशभर से लाखों लोग बाबा श्याम के दर्शन के लिए आते हैं। देखते हुए जिला प्रशासन और खाटू श्याम मंदिर समिति ने मंदिर परिसर और उसके आसपास के क्षेत्र में कई बड़े बदलाव किए हैं। मंदिर की तरफ आने वाली सभी सड़कों को चौड़ा किया गया है और मंदिर परिसर में जिकजैक लाइन को हटाकर सीधी लाइन बनाई गई है।

ऐसे में सामान्य तौर पर श्रद्धालु प्रवेश द्वार से 3 से 4 मिनट के दौरान बाबा श्याम के दर्शन कर सकेंगे। वहीं, मेले में एक घंटे के दौरान 3 से 4 लाख लोग बाबा श्याम के दर्शन कर सकेंगे। मेले के लिए जिला प्रशासन की तरफ से सेक्टर मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए हैं। इसके अलावा पुलिस ने भी एडिशनल एसपी सहित तमाम अधिकारियों को लगा रखा है। मेले के लिए खाटूश्याम क्षेत्र को 8 सेक्टरों में बांटा गया है ताकि यहां आने वाले दर्शनार्थियों को किसी भी तरह की परेशानी न हो। इसके लिए पैदल मार्ग व गाड़ियों के मार्ग को अलग किया गया है।

14 सीधी लाइन में दर्शन करेंगे श्रद्धालु खाटू श्याम मंदिर में जिकजैक लाइनों को हटाकर अब सीधी लाइन की व्यवस्था की गई है. प्रवेश से एग्जिट तक श्रद्धालु सीधे चलते हुए बाबा के दर्शन करेंगे. मंदिर के सामने 10 लाइनें बनाई गई है. इसके अलावा 4 लाइन ऊपर की तरफ होंगे. इस हिसाब से 14 लाइनें तैयार की गई है. जिनमें श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर सकते हैं. मंदिर समिति का दावा है कि प्रवेश द्वार से बाबा के मंदिर तक पहुंचने में 3 से 4 मिनट का समय लगेगा.